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खिलाडियों के उछलकूद पर हंगामा क्‍यों

सच
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टेनिस खिलाडी सानिया ने शादी का एलान क्‍या कर दिया मानों लिखाडो की दुनिया में भूचाल आ गया। आए भी क्‍यों नहीं जब इस पर ठाकरे साहब ने अपनी कलम चला दी हो। उन्‍होंने तो जांच परख कर यह भी बता दिया है कि सानिया का दिल हिन्‍दुस्‍तानी नहीं है। हिन्‍दुस्‍तानी होता तो हिन्‍दुस्‍तान के लिए धडकता। पर उन्‍हें कौन बताये कि सानिया के दिल को सोहराब ने ही धडकना सिखाया। यह और बात है कि उसे महसूस कर रहे हैं शोएब साहब। ि‍फलहाल सही बात तो यह है कि ये देनों खिलाडी है। खेल के ही नहीं दिल के भी। इन दिनों दोनों गर्दिश में हैं। सानिया की टेनिस कुछ खास नहीं चल रही है तो शोएब साहब ग्राउण्‍ड से ही बाहर है। ऐसे में दोनों शादी शादी खेल रहे हैं, तो औरों को जलन क्‍यों हो रही है। हद तो यह है कि किसी को पाकिस्‍तान से चीढ है तो किसी को शौहर हिन्‍दुस्‍तानी न होने का गम खाए जा रहा है। ऐसे गमगीन लोग मेरी तरह यह क्‍यों नहीं सोचते कि भई ये दोनो खिलाडी है। मैदान बदलने से इनके ऊपर कोई असर नहीं पडता, बल्कि खेल और निखरता है। पिच चाहे पाकिस्‍तान की हो या हिन्‍दुस्‍तान की इन्‍हें तो मात्र खेलने से मतलब है। यह और बात है कि, सा‍निया जी जिस खिलाडी के साथ नई पारी की शुरूआत करने जा रही है वह तो उन्‍हें पसंद है लेकिन उसका देश पाकिस्‍तान उन्‍हे पसंद नहीं है। एसे में दुबई का चुनाव कर उन्‍होंने एक तरह से पाकिस्‍तान को लेकर चिढने वालों को भी सोचने के लिए थोडी सी जगह दे दी है। इतना ही नहीं पाकिस्‍तान मे अपनी सुरक्षा पर उंगली उठा कर भी एक तरह से वह भारत की बेटी का फर्ज अदा कर दी है। हम भी कहते हैं पाकिस्‍तान में आतंक है और वह भी कह रही हैं कि पाकिस्‍तान में आतक है। इससे यह भी साबित हो गया है कि उन्‍हें शोएब से प्रेम है न की हमारे दुश्‍मन पाकिस्‍तान से। वह तो वहां रहने वाली भी नहीं है। इसके बाद भी अगर पाकिस्‍तान उनके निकाह का जश्‍न मना रहा है तो यह वही जाने। उन्‍होंने यह भी नहीं कहा है कि वह शादी के बाद ससुराल की ओर से खेलेंगी या मायके की तरफ से। इतना सब के बाजूद भाई लोग पता नहीं उनका पीछा क्‍यों नहीं छोड रहे है। भई मैं तो इस युगल खिलाडी को शादी शादी खेलने के लिए दुआ देता हूं। मैदान दुबई हो या पाकिस्‍तान या हिन्‍दुस्‍तान तुम दोनो हर जगह हिट रहो। बस सानिया तुम केवल खाने पर ध्‍यान दो क्‍योंकि अगर कहीं मोटी हो गयी तो शोएब साहब पतली ढूढ लेंगे। विश्‍वास नहीं है तो आयशा सिद़दकी से पूछ लो जो शोएब की पहली पत्‍नी होने का दावा कर रही है। इनसे मिलोगी तो पता चलेगा शोएब साहब बहुत दिनों तक एक पिच पर नहीं खेलते। और शोएब साहब आप भी सतर्क ही रहिएगा, क्‍योंकि सानिया कब बाय कह देंगी इसका कोई भरोसा नहीं है। विश्‍वास नहीं है तो आप सोहराब साहब से ही मिल लीजिए। बेचारे बचपन से जवानी तक सोनिया का खेल देखते रहे और जब समय आया सगाई के बाद शहनाई बजवाने का तो वह आप की ओर मुड गयी। खैर आप दोनो माहिर खिलाडी हो। कौन कब किसको मात देगा यह जानते होंगे, लेकिन रिश्‍तों को झटके में आप दोनो मात दे देते हो यह तो दोनों से मात खा चुके सोहराब और आयशा ही जानते हैं। वह दोनो बखूबी जानते हैं न तो शोएब के जीवन में पहली बार कोई सानिया आई है और न ही सानिया के जीवन में पहली बार कोई शोएब। दोनो का प्‍यार दूसरी पारी का है पर पता नहीं क्‍यों हंगामें काटने वाले पहली पारी जैसे लग रहे हैं। ऐसे लोगों से मैं कहना चाहूंगा कि अगर सानिया पाकिस्‍तान की हो ही जाएंगी तो क्‍या भारत में टेनिस खतरे में पड जाएगा। क्‍या मकबूल फिदा हुसैन के जाने के बाद भारत में चित्रकारी बंद हो गयी या माधूरी दीक्षित के जाने के बाद अदाकारी।

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