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सच मानिए गांव की बदहाली मिट गयी है। चारो ओर बधाई बज रही है। कपडे को तरसता गोलुआ का बाबू हो या पेट भरने की गरज कूडा बटोरता अलुगुआ हो, बरसात में टपकते छत के नीचे बैठी दुलारी हो सबको बधाई मिल रही है। परधानी के पांच बरस में जो आयरन की गोली नहीं बटवा सके अब झोला में बाधाई ही बधाई लिए घूम रहे हैं। पहले बेटवा के पैदा होने पर या बेटी के हाथ पीले होने पर बधाई गुमान करती थी पर अब देहाती चुनाव पर इतराती पिफर रही है। इतराये भी तो क्यों नहीं जो उसे अक्षरों में नहीं पहचानते हैं वह भी उसके नाम का माला फेर रहे हैं। कोई सदस्य के लिए उसे कंधे पर लिए धूम रहा है तो कोई प्रधानी के लिए उसका जाप कर रहा है। बीडीसी बनने वाले भी उसे अपने सीने से लगाए हुए है। गांव की बदहाली अपने पर रोये तो रोये, पर उसके सीने पर रोजाना दो बांस के डण्डे गाडे जा रहे हैं। उसपर टांगा जा रहा है बधाई वाला होर्डिंग। नेताजी कहीं हाथ उठाए तो कही हाथ जोडे चस्पा किये गये शब्दों में बोल रहे हैं आप सभी को हार्दिक बधाई। पन्द्रह अगसत बीत गया पर उसकी बधाई अब भी टंगी है। नाग पंचमी दूध पीते पीते गुजर गयी पर उस पर भी बधाई जारी है। दशहरा माह डेढ माह दूर है पर अग्रिम बधाई तहलका मचा रही है। हर बधाई के साथ भावी पद और स्थान लिखा है। कोई बधाई के बदले क्षेत्र पंचायत की सदस्यता चाहता है तो कोई वार्ड मेम्बर बनना चाहता है। परधानी तो गली गली में बधाई दे रही है। हद तो यह है कि बधाई दने में पांच साल तक गांव व क्षेत्र को बदहाली देने वाले भी है। पर बधाई तो सबके लिए समान काम कर रही है। उनके लिए भी उतना ही इतरा रही है जो उसे अक्षरों में भी नहीं पहचान सकते हैं और न ही शब्दों में लिख सकते है। वह वहां भी उतनी ही खुश है जहां पांच साल से नाली बजबजा रही है। वह वहां भी उतना ही इतरा रही है जहां भ्रष्टाचार के कारण सडक अधूरी पडी है। वह दो जून की रोटी के लिए तरसते गोलुआ के घर में भी मचलते हुए पहुंच रही है आर बीमारी से तडपते मंगरू से भी बोल रही है बधाई हो बधाई पंचायत चुनाव की बधाई। ग्राम पंचायत सदस्य बनवाने के लिए बधाई, क्षेत्र पंचायत सदस्य लडवाने के लिए बधाई, पिछली साल की तरह एक बार और परधानी के लिए समर्थन की बधाई। बधाई किसके किसके नाम की बजेगी यह तो बाद की बात है पर अभी तो हर जगह बज रही है बदहाली की बधाई, जो पांच साल पहले भी थी और अब भी चिल्ला रही है मुझे बरकरार रखने के लिए बधाई हो बधाई।मुझ पर लाखों बहाने के लिए बधाई। हद तो यह है कि यह बिना यह पूछे ही कि जो मुझ पर खर्च हुआ वह कहा से आएगा, चिल्ला रही है बधाई हो बधाई।
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